करदाताओं को बड़ी राहत!कर विभाग ने देर से टीडीएस, टीसीएस भुगतान पर ब्याज माफ किया, यहां जानें विवरण
हाल ही में कई करदाताओं ने शिकायत की थी कि उन्होंने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर संग्रहित कर) का भुगतान समय पर किया था।
हाल ही में कई करदाताओं ने शिकायत की थी कि उन्होंने टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर कर संग्रह) का भुगतान समय पर किया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण यह राशि सरकारी खाते में देरी से जमा हुई।
इसके कारण आयकर विभाग ने उन पर आयकर अधिनियम की धारा 201 (1 ए) ii और 206 सी (7) के तहत ब्याज लगाया।
करदाताओं के लिए बड़ी राहत! कर विभाग ने टीडीएस, टीसीएस भुगतान में देरी पर ब्याज माफ किया
यहां पढ़ें पूरी जानकारी
अगर आपने समय पर टीडीएस या टीसीएस का भुगतान किया था, लेकिन तकनीकी गड़बड़ियों के कारण यह सरकारी खाते में देरी से जमा हुआ, तो अब आपको ब्याज देने की चिंता नहीं करनी पड़ेगी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (डीबीडीटी) ने इस मामले में बड़ा फैसला लिया है और ऐसे मामलों में ब्याज माफ करने का आदेश जारी किया है।
क्या है पूरा टीडीएस, टीसीएस मामला?
हाल ही में कई करदाताओं ने शिकायत की थी कि उन्होंने समय पर टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) और टीसीएस (स्रोत पर एकत्रित कर) का भुगतान किया था,लेकिन तकनीकी खामियों के कारण यह राशि सरकारी खाते में देरी से जमा हुई। इसके कारण आयकर विभाग ने उन पर आयकर अधिनियम की धारा 201 (1ए) (ii) और 206 (7) के तहत ब्याज लगा दिया।
इस स्थिति को समझते हुए सीबीडीटी ने निर्णय लिया है कि यदि करदाता, कटौतीकर्ता या संग्रहकर्ता ने निर्धारित समय सीमा के भीतर भुगतान किया था, लेकिन तकनीकी कारणों से यह सरकारी खाते में देरी से जमा हुआ, तो इस पर लगाया गया ब्याज माफ कर दिया जाएगा।
यह भी पढ़ें: 1 अप्रैल से टीडीएस और टीसीएस नियमों में बड़े बदलाव: जानिए सबकुछजो आपको जानना जरूरी है इस फैसले को लागू करने के लिए आयकर विभाग के मुख्य आयुक्त (सीसीआईटी) ने… आयकर महानिदेशक (डीजीआईटी) या प्रधान मुख्य आयकर आयुक्त (पीआरसीसीआईटी) को ऐसे मामलों में ब्याज माफी पर निर्णय लेने का अधिकार दिया गया है।
यदि ब्याज पहले ही चुकाया जा चुका है तो क्या करें?
अगर कोई करदाता पहले ही ब्याज चुका चुका है तो वह इसके रिफंड के लिए आवेदन कर सकता है। हालांकि, सीबीडीटी ने स्पष्ट किया है कि ब्याज माफी के लिए आवेदन उसी वित्तीय वर्ष की समाप्ति से एक वर्ष के भीतर ही किया जा सकता है।
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किसको मिलेगी सबसे ज्यादा राहत?
इस फैसले से उन करदाताओं को सबसे ज्यादा फायदा होगा, जो समय पर भुगतान करने के बावजूद तकनीकी खामियों के कारण ब्याज नोटिस का सामना कर रहे थे। अब वे अनावश्यक वित्तीय बोझ से बच सकेंगे और सही प्रक्रिया के तहत अपना टैक्स जमा कर सकेंगे।
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