रान्या राव सोना तस्करी मामला: सीबीआई की एफआईआर में खाली ‘आरोपी कॉलम’ का नेताओं और बाबुओं के लिए क्या मतलब है? बेंगलुरु: अभिनेत्री रान्या राव से कथित रूप से जुड़े सोना तस्करी मामले में सीबीआई ने दिल्ली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने ‘आरोपी’ कॉलम को चौंकाने वाले तरीके से खाली छोड़ दिया है, जिसमें केवल ‘अज्ञात लोक सेवकों’ और ‘अज्ञात निजी व्यक्तियों’ को संदिग्धों के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।रान्या राव सोना तस्करी मामला: सीबीआई की एफआईआर में खाली ‘आरोपी कॉलम’ का नेताओं और बाबुओं के लिए क्या मतलब है? बेंगलुरु: कथित तौर पर अभिनेत्री रान्या राव से जुड़े सोना तस्करी मामले में सीबीआई ने दिल्ली में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत एफआईआर दर्ज की है। सीबीआई ने ‘आरोपी’ कॉलम को चौंकाने वाले तरीके से खाली छोड़ते हुए केवल ‘अज्ञात लोक सेवकों’ और ‘अज्ञात निजी व्यक्तियों’ को संदिग्धों के रूप में सूचीबद्ध किया है। इस असामान्य एफआईआर ने राजनीतिक और नौकरशाही हलकों में हलचल पैदा कर दी है, क्योंकि सीबीआई अब किसी भी व्यक्ति को – सरकारी अधिकारियों से लेकर राजनेताओं तक – तलब कर सकती है, जो मामले में जांच के दौरान फंस सकते हैं। सीबीआई ने राजस्व खुफिया निदेशालय की एक रिपोर्ट के बाद जांच तेज कर दी है, जिसमें इस रैकेट में एक सिंडिकेट्स की संलिप्तता का प्रबल संदेह है। सीबीआई ने डीआरआई के महानिदेशक अभय कुमार श्रीवास्तव की शिकायत के बाद पुलिस महानिदेशक रामचंद्र राव की बेटी रान्या राव से जुड़े मामले की जांच शुरू की।
सीबीआई जांच से सरकारी हलकों में भ्रष्टाचार का पता चल सकता है।
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